अरेबिया ने जीती एक और जंग कंप्यूटर इंक्रीमेंट पर मद्रास हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
- AIRRBEA

- Jun 16, 2022
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तमिलनाडु ग्रामीण बैंक एम्पलाइस एसोसिएशन की कोशिशें रंग लाई। मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस की फुल बेंच ने तमिल नाडु ग्रामीण बैंक पर 10,000 का जुर्माना ठोकते हुए यह आदेश दिया है कि यदि 15 दिनों के अंदर आदेश लागू न किया गया और जुर्माना जमा नहीं किया जाता तो यह केस फिर से सुनवाई के लिए प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें इस मुकदमे को दाखिल करने की सलाह देने वाले अधिकारी की जेब से यह जुर्माना वसूला जाएगा l कोर्ट की यह सख्त टिप्पणी मद्रास हाई कोर्ट की एकल पीठ के निर्णय के खिलाफ दाखिल अपील W. A. No 1135/2022 में आई है, जिसे खारिज करते हुए कोर्ट ने एकल पीठ के उस निर्णय पर मोहर लगा दी जिसमें ग्रामीण बैंक कर्मियों को कंप्यूटर इंक्रीमेंट दिए जाने की मांग को जायज ठहराते हुए कंप्यूटरीकरण की तिथी से एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि देने का निर्णय दिया गया था l बहुत ही तल्ख टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा है कि कर्नाटक हाईकोर्ट और राजस्थान के फैसल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी बैंक द्वारा जानबूझकर के कर्मचारियों को मुकदमे बाजी में धकेलने का कुचक्र बैंक ने किया है यह एक तरह से न्यायालय की अवहेलना है l गौरतलब है कि वर्ष 2003 में नाबार्ड ने प्रायोजक बैंकों की एक बैठक के बाद यह आदेश जारी किया था कि भारत सरकार ने ग्रामीण बैंकों में कंप्यूटरीकरण की कमजोर स्थिति को देखते हुए अभी कंप्यूटर इंक्रीमेंट ना देने का निर्णय लिया है l इस निर्णय के खिलाफ तमिलनाडु ग्रामीण बैंक एम्पलाइज यूनियन ने लेबर कोर्ट में एक विवाद दाखिल किया था जिसमें लेबर कोर्ट ने यूनियन की मांग को सही ठहराते हुए कंप्यूटर इंक्रीमेंट दिए जाने का आदेश जारी किया था l जिसके खिलाफ 2005 में बैंक चेन्नई हाई कोर्ट पहुची और रिट दाखिल कर अवार्ड को रद्द करने की मांग की l 16 साल बाद 25 oct 2021 को एकल पीठ ने बैंक की अपील खारिज करते हुए अवार्ड के अनुसार कंप्युटर increment देने का आदेश जारी कर दिया l इसी की अपील पर यह एतिहासिक फैसला आया है l न्याय की इस जंग के अगुवा कॉम सोलाईमानीकम को लाल सलाम ll शिव करन द्विवेदी
महामंत्री
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